भगवान तुस्सी GREAT हो

वो भगवान ही क्या जिसके पास एक सच्चा भक्त ना हो
और वो भक्त ही क्या जिसके पास वक़्त ही ना हो


आज कल के भकत ऐसे 
जिन के आस पास मंडराते रहते है पैसे


वे लोग निकल पड़ते है बालो का मुंडन करवाकर
हाथों मे जपमाला और माथे पर तिलक लगाकर


उनके होठों पर होता है राम नाम 
क्यों की लोगो से उन्हे निकलवाना होता है अपना हर काम


भक्त लाते है अपने साथ हीरे,मोती और ज़वारात
ताके शांति से गुज़रे उनके दिन और रात 



पर उन्हे क्या पता की भगवान के आगे क्या हीरे, मोती और क्या धन
वे तो बस चाहते है अपने भक्त जनो का सच्चा मन 


पर यहा कोई नही आता है सच्चे मन से 
क्यों की उन्हे सब टोलते है धन से


                                       

आज भक्त.. वक़्त के हिसाब से बदलते भगवान है
कभी शिव, राम तो कभी श्याम है


अब तो ऐसी बन गयी है स्तिथि
की धर्म बन गया है राजनीति


अब तो यह कहना उचित होगा
की आगे के जीवन मे सब का मन विचित्र होगा


और फिर होगा चुनाव साल के सर्वश्रेट भक्ती की
इसलिए बढ़ जाएगी संख्या हीरे, मोती और धन की


और फिर चलेगी राजनीति 
जो बन जाएगी संसार की नीति 


और फिर लोगो का न्क्लेग काम काम
कोई ना जपेगा राम नाम



फिर संसार का क्या खाक भला होगा (क्यों की


 
वो भक्त ही क्या जिसके हज़ार भगवान हो 
 और वह भगवान ही क्या जिसका एक सच्चा भक्त ना हो. 



 

Comments

Post a Comment